GOODS AND SERVICE TAX COUNSIL INFORMATION

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                                       जीएसटी से संबंधित सभी शिकायतों का समाधान:-   जीएसटी पोर्टल पर बढ़ती कंप्लेंट को देखते हुए सरकार ने अब एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनाया है, जो जीएसटी पोर्टल पर हेल्पडेस्क की जगह की जगह लेगा। जीएसटीएन ने एक कंप्लेंट सेल बनाई है, जहां पर जीएसटी से संबंधित सभी शिकायतों को दूर किया जाएगा। नए सिस्टम के बाद कारोबारियों की प्रॉब्लम का सॉल्यूशन कम समय में किया जाएगा।   बढ़ रहीं थी जीएसटी पोर्टल पर शिकायतें जीएसटी पोर्टल के अधिकारी ने बताया कि वेबसाइट पर शिकायत करने के तरीके को बेहतर किया गया है। अभी तक हेल्पडेस्क के लिए ई-मेल आईडी बनाया हुआ था जिस पर सारी शिकायतें आ रही थी। शिकायतों का फ्लो बढ़ने के कारण जीएसटी पोर्टल पर ही कंप्लेंट सिस्टम को बेहतर किया गया है। अभी कारोबारी और ट्रेडर्स सीधे जीएसटी पोर्टल की वेबसाइट पर शिकायत कर सकते हैं।    पहले बना था हेल्पडेस्क अभी तक किसी भी समस्या के लिए हेल्पडेस्क बना हुआ था जहां ट्रेडर्स और कारोबारी शिकायत कर सकते थे। पर ई-मेल करने का ऑप्शन था लेकिन अब ई-मेल बंद कर दिया गया है। इसके बदले नया शिकायत सिस्टम शुरू

इनकम में से मिलने वाली डिडक्शन्स संबंधी परिवर्तन

   इनकम में से मिलने वाली डिडक्शन्स संबंधी परिवर्तन

                     


इनकम में से मिलने वाली डिडक्शन्स संबंधी परिवर्तन :-
बजट - 2018 में डिडक्शन्स हैडिंग में कई परिवर्तन किये गए हैं जिनकी जानकारी निम्न प्रकार हैं:-
(A) मेडिकल इन्स्योरेन्स (धारा 80D):- मेडिकल इन्स्योरेन्स जिसे की हेल्थ इन्स्योरेन्स के नाम से भी जाना जाता हैं। इस धारा में A. Y. 2019-20 से निम्न दो परिवर्तन किये गए हैं :-
(१) यदि मेडिकल इन्स्योरेन्स प्रीमियम सिंगल प्रीमियम के रूप में एक से अधिक वर्षो के लिए पे किया जाता हैं तो इसकी छूट आनुपातिक रूप से प्रति वर्ष प्राप्त होती रहेगी। जैसे किसी व्यक्ति ने 10 वर्ष का इकट्ठा मेडिकल हेल्थ इन्स्योरेन्स प्रीमियम एक साथ दो लाख रु पे कर दिया तो उसे प्रति वर्ष 20000 रु की डिडक्शन धारा 80 D में प्राप्त होती रहेगी।
(२) सीनियर सिटीजन के हेल्थ इन्स्योरेन्स के सम्बन्ध में छूट की सीमा को 30,000 रु से बढाकर 50,000रु किया गया हैं।
(B) सीनियर सिटीजन के मेडिकल खर्चे संबंधी (धारा 80DDB):- बुजुर्गो के इलाज (नोटिफाई बीमारियों जैसे :- कैंसर , थैलीसीमिया, एड्स, मानसिक बीमारिया ,किडनी संबंधी बीमारियां आदि के सम्बन्ध में ) पर हुए मेडिकल खर्चे बाबत मिलने वाली सालाना छूट की सीमा 60,000 रु से बढाकर एक लाख रु कर दी हैं। पूर्व में यह छूट सीनियर सिटीजन के लिए 60,000रु तथा वैरी सीनियर सिटीजन के लिए 80,000 रु होती थी। A. Y. 2019-20 के लिए सीनियर सिटीजन व वैरी सीनियर सिटीजन दोनों के लिए यह छूट बढाकर 1 लाख रु कर दी गई हैं।
(C) सीनियर सिटीजन को प्राप्त बैंक व पोस्ट ऑफिस ब्याज संबंधी (धारा 80 T T B):-
यह नई धारा इस बजट में बनाई गई हैं जिसमे सीनियर सिटीजन को सेविंग बैंक अकाउंट ,एफ.डी,पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट व को ऑपरेटिव बैंक डिपॉजिट आदि पर मिलने वाले ब्याज में से 50,000 रु की छूट दी गई हैं। वर्तमान में यह छूट 10,000 रु तक थी वह  भी केवल सेविंग बैंक अकाउंट के ब्याज के सम्बन्ध में थी। इस प्रकार बुजुर्गो के लिए यह इस बजट की सबसे अच्छी राहत हैं क्योंकि सीनियर सिटीजन सुरक्षा के लिए अपना धन बचत योजनाओं में निवेशित करता हैं तथा उसके ब्याज का उपयोग करता हैं । ध्यान रहे जो सीनियर सिटीजन धारा 80T T B की छूट क्लेम करेगा उसे धारा 80T T A की छूट प्राप्त नही होगी।यह छूट A. Y. 2019-20 से प्राप्त होगी।प्राइवेट ब्याज पर यह छूट नही दी गई हैं।
(D) रिटर्न समय पर फाइल करनी होगी (धारा  80AC) :- इस बजट में समय पर कार्य करने की परंपरा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह परिवर्तन किया गया हैं कि चैप्टर Vl -C के तहत जो सेक्शन्स आते हैं (Sec.80H to 80 RRB ) में से किसी सेक्शन की करदाता द्वारा छूट ली जा रही हैं तो यह छूट तभी मान्य होगी जबकि इनकम टैक्स की रिटर्न ड्यू डेट तक फाइल कर दी जाये, यानि यदि रिटर्न लेट फाइल की जाती हैं तो यह छूट प्राप्त नही होगी। यह परिवर्तन A. Y. 2018-19 से लागू किया गया हैं। इस संबंध में कानून में लिखा गया हैं कि - " IT IS PROPOSED TO EXTEND THE SCOPE OF SECTION 80AC TO PROVIDE THAT THE BENIFIT OF DEDUCTION UNDER THE ENTIRE CLASS OF DEDUCTION UNDER THE HEADING "C.- DEDUCTION IN RESPECT OF CERTAIN INCOME" IN CHAPTER VIA SHALL NOT BE ALLOWED UNLESS THE RETURN OF INCOME IS FILED BY THE DUE DATE."
(E) फार्म प्रोड्यूसर कंपनी (धारा 80 PA):-  फार्म प्रोड्यूसर कंपनी (धारा 80 PA):-  इस बजट में एक नई धारा 80PA बनाई गई जो की Farm Producer Companies (FPC) को छूट देने के लिए बनाई गई हैं। इस धारा के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:-
(१) इसका लाभ केवल उसी FPC को मिलेगा जिसकी टर्नओवर 100 करोड़ रु तक का हैं।
(२) यह छूट F. Y. 2018-19 से प्रारम्भ होकर 5 वर्ष तक मिलेगी। इस छूट के तहत पहले 5 वर्ष का प्रॉफिट इनकम टैक्स में Exempt रहेगा।
(३) फार्म प्रोड्यूसर कंपनी तभी कहलायेगी जबकि वो निम्न तीन में से कोई एक कार्य कर रही हो :
(अ) अपने मेंबर्स द्वारा उगाई गई फसल की मार्केटिंग ।
(ब)  अपने मेंबर्स को सप्लाई करने के लिए कृषि उपकरण ,बीज ,लाइव स्टॉक ,अन्य सामान खरीद की गतिविधि कर रही हैं।
(स) अपने मेम्बर्स द्वारा उगाई गई फसल की प्रोसेसिंग का कार्य।
नोट :- इस धारा की छूट की मुख्य शर्त इस प्रकार यह हैं कि कंपनी कृषि संबंधी कार्य करे तथा केवल अपने मेम्बर्स के लिए करे।
(F) स्टार्टअप के लिए (धारा 80-IAC):- इस धारा में समय अवधि को दो वर्ष के लिए बढ़ाया गया हैं। पूर्व में जब यह धारा बनाई गई थी तब उसमें यह प्रावधान था कि ऐसे स्टार्टअपस् जो 31.03.2019 तक इनकॉरपोरेट हो जायेंगे उन्हें ही छूट मिलेगी। अब इस अवधि को बढाकर 31.03.2021 कर दिया गया हैं। स्टार्टअप से सम्बंधित एक अन्य परिवर्तन धारा 1 1 5 BA में किया गया हैं जिसके तहत डोमेस्टिक कंपनी के केस में रियायती टैक्स का लाभ केवल बिजनेस आपरेशन से होने वाली इनकम पर ही मिलेगा अन्य इनकम पर नहीं।।।


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