GOODS AND SERVICE TAX COUNSIL INFORMATION

Image
                                       जीएसटी से संबंधित सभी शिकायतों का समाधान:-   जीएसटी पोर्टल पर बढ़ती कंप्लेंट को देखते हुए सरकार ने अब एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनाया है, जो जीएसटी पोर्टल पर हेल्पडेस्क की जगह की जगह लेगा। जीएसटीएन ने एक कंप्लेंट सेल बनाई है, जहां पर जीएसटी से संबंधित सभी शिकायतों को दूर किया जाएगा। नए सिस्टम के बाद कारोबारियों की प्रॉब्लम का सॉल्यूशन कम समय में किया जाएगा।   बढ़ रहीं थी जीएसटी पोर्टल पर शिकायतें जीएसटी पोर्टल के अधिकारी ने बताया कि वेबसाइट पर शिकायत करने के तरीके को बेहतर किया गया है। अभी तक हेल्पडेस्क के लिए ई-मेल आईडी बनाया हुआ था जिस पर सारी शिकायतें आ रही थी। शिकायतों का फ्लो बढ़ने के कारण जीएसटी पोर्टल पर ही कंप्लेंट सिस्टम को बेहतर किया गया है। अभी कारोबारी और ट्रेडर्स सीधे जीएसटी पोर्टल की वेबसाइट पर शिकायत कर सकते हैं।    पहले बना था हेल्पडेस्क अभी तक किसी भी समस्या के लिए हेल्पडेस्क बना हुआ था जहां ट्रेडर्स और कारोबारी शिकायत कर सकते थे। पर ई-मेल करने का ऑप्शन था लेकिन अब ई-मेल बंद कर दिया गया है। इसके बदले नया शिकायत सिस्टम शुरू

Income Tax Audit के फॉर्म 3CD में भारी परिवर्तन ।


Income Tax Audit के फॉर्म 3CD में भारी परिवर्तन ।
           

       
(इनकम टैक्स ऑडिट संबंधी कार्य में जिम्मेवारी एवं सुचना दोनों बढ़ाई - GST की जानकारी भी इनकम टैक्स ऑडिट में शामिल कर ली गई )
  • इनकम टैक्स विभाग द्वारा नोटिफिकेशन नम्बर 33/2008 दिनाक 20:08:2018 के द्वारा इनकम टैक्स एक्ट की धारा 44AB के तहत होने वाली टैक्स ऑडिट के प्रफोर्मे ( Form 3CD) में भारी परिवर्तन किया गया हैं। यह नये नियम 20 Aug 2018 से प्रभावी  हो जाएंगे । इस प्रकार दिनाक 19:08:2018 तक इनकम टैक्स ऑडिट वर्तमान में चल रहे प्रफोर्मे में अपलोड की जा सकती हैं । चूँकि नये प्रफोर्मे में काफी ज्यादा सूचनाएं मांग ली गई हैं तथा इन सूचनाओं को तैयार करना भी कुछ मुश्किल कार्य हैं ।ऐसे में जिन व्यपारियो के एकाउंट्स लगभग फाइनल हो चुके हैं वे अपना टैक्स ऑडिट का कार्य 19:08:2018 तक यदि  संभव हो तो पूरा करवा ले ताकि उन्हें नए प्रफोर्मे के संबंध में अधिक मेहनत इस वर्ष के लिए न करनी पड़े ।                                                                                                                               


इनकम टैक्स एक्ट की धरा 44AB के तहत मुख्य रूप से निम्न चार केटेगरी के व्यपारियो के लिए अपने एकाउंट्स की टैक्स ऑडिट करवानी अनिवार्य (Mandetory ) होती हैं ।
  (A) ऐसे व्यापारी जिनकी सालाना टर्नओवर 1 करोड़ रु से अधिक हैं।
(B) ऐसे प्रॉफेसनल करदाता जिनकी ग्रॉस रिसिप्ट्स 50 लाख रु से अधिक हैं।
  (C) ऐसे व्यापारिक करदाता  जो इनकम टैक्स एक्ट की     विभिन्न धाराओं के तहत Presumptive Income ( Sec. 44AD, 44AE) के तहत सरकार द्वारा निश्चित की गई रेट से कम रेट से प्रॉफिट दिखा रहे हैं । जैसे किसी व्यापारी की टर्न ओवर 80 लाख रु हैं इस प्रकार के व्यपारियो के लिए इनकम टैक्स एक्ट की धारा 44AD तहत 8% की नेट प्रॉफिट रेट निर्धारित हैं लेकिन मान लीजिए इस व्यापारी का नेट प्रॉफिट 5%ही आ रहा हैं तो उसे अपने एकाउंट्स की ऑडिट करवानी पड़ेगी ।


(D) ऐसे पेशेवर करदाता जो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 44ADA तहत 50 % से कम रेट में प्रॉफिट दिखा रहे हैं । धारा 44ADA उन Professionals पर लागू हैं जिनकी ग्रॉस रिसिप्ट्स 50 लाख रु से कम हैं ।
नोट :- ऑडिट के सम्बन्ध में एक छूट यह दी हुई हैं कि जिन व्यापारियो की  बिक्री एक से दो करोड़ रूपये के बीच में हैं तथा वे 8%  की रेट से नेट प्रॉफिट दिखा देते हैं तो उन्हें धारा 44AD के तहत टैक्स ऑडिट नही करवानी होगी ।
नोट :- धारा 44AD में यह भी सुविधा दी गई हैं कि यदि सेल/टर्नओवर कैश की बजाय बैंकिग चैनल से प्राप्त हुई हैं तो प्रॉफिट की रेट 8% बजाय 6% मानी जायेगी ।
इस प्रकार उक्त केटेगरी के करदाताओं को इनकम टैक्स एक्ट के तहत ऑडिट करवानी होती हैं इस ऑडिट को आम बोलचाल में टैक्स ऑडिट कहा जाता हैं । इस ऑडिट को ऑनलाइन रूप से सबमिट करने की अंतिम तिथि वर्ष समाप्ति के बाद 30 सितम्बर होती हैं। यदि इस ऑडिट को ऑनलाइन सबमिट करने में देरी हो जाती हैं तो धारा 271 B के तहत अधिकतम 1.50 लाख रूपये पेनल्टी लग सकती हैं। पेनल्टी की कैलकुलेशन  टर्नओवर का 05 % या 1.50 लाख रूपये दोनों में जो कम हो के हिसाब से की जाती हैं ।
इनकम टैक्स विभाग द्वारा धारा 44AB के तहत जो ऑडिट होती हैं उसके लिए फार्म 3 CD बनाया हुआ हैं । इस फार्म को हाल ही में नोटिफिकेशन  नं 33/2018 दिनांक 20:07:2018 के द्वारा संशोधित (Amend) किया गया हैं ।यदि फार्म 3 CD में किये गए परिवर्तन पर नज़र डालें तो यह तथ्य सामने आता हैं कि समय के साथ-साथ फार्म 3CD को कुछ मुश्किल बनाया जा रहा हैं  तथा उसके तहत सूचनाएं मांगने का दायरा बढ़ाया जा रहा हैं । इस बार जो परिवर्तन किये गए हैं वो 20:08:2018 से लागू कर दिए गए हैं। नए फार्म के तहत ऑडिट करने बाबत पहले की अपेक्षा  अधिक समय एवं अधिक मेहनत करनी पड़ेगी । इसके साथ साथ CA की जिम्मेवारी भी  पहले की अपेक्षा बढ़ जायेगी । इस लेख में इस फार्म में किये गए परिवर्तन की जानकारी देने का प्रयास किया गया हैं ।


Clause No. 19 : फार्म 3CD के पैरा न.19  में सेक्शन वाइज ALLOWNCES की डिटेल फीड करनी होती हैं।इसमें एक नया पॉइंट  32AD जोड़ा गया हैं ।
धारा 32AD में यह जानकारी दी गई हैं कि आंध्रप्रदेश,तेलंगाना,वेस्ट बंगाल के नोटिफाइड बैकवर्ड एरिया में यदि व्यापारी को किसी मैनुफैक्चरिंग कार्य के तहत इस धारा में कोई अलाउंस नई असेट्स के सम्बन्ध में मिलना हैं तो इसकी जानकारी अब टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में देनी होगी ।

Clause No.24:- धारा 32AD के तहत यदि किसी असेट्स के मामले में कोई छूट प्राप्त की हैं तो उसे 5 वर्ष तक बेचा या ट्रांसफर नही किया जा सकता । यदि ऐसा किया जाता हैं तो यह व्यापारी की डीम्ड इनकम मानी जाती हैं। इस क्लोज़ में यह जानकारी देनी हैं कि व्यापारी द्वारा धारा 32AD की छूट लेने के बाद उस एसेट्स को 5 वर्ष के अंदर बेच तो नही दिया गया ।

Clause No.26:- धारा 43B के तहत कुछ खर्चो की छूट तभी मिलती हैं जब उसका भुगतान वास्तव में कर दिया जाये । इस नए क्लोज़ में धारा 43B(g) को एड किया गया हैं जिसके तहत टैक्स ऑडिट में यह बताना हैं कि व्यापारी द्वारा रेलवे को कोई भुगतान पैंडिंग रखा गया हैं तो उस खर्चे की छूट नही मिलेगी ।

Clause No.29A:-  इनकम टैक्स एक्ट की धारा 56(2)(ix) कहती हैं कि यदि किसी प्रॉपर्टी को बेचने का सौदा किया तथा सौदा करते समय कोई एडवांस रकम प्राप्त की जो की सौदा कैंसिल होने पर जब्त (Forfeit) कर ली गई तो ऐसी जब्त रकम इनकम मानी जाती हैं ।जैसे किसी व्यक्ति ने कोई सौदा र0 लाख रूपये में किया तथा सौदा करते समय 5 लाख रूपये नगद प्राप्त कर लिए । बाद में खरीददार ने यह सौदा कैंसिल कर दिया जिस कारण से प्रॉपर्टी बेचने वाले ने 5 लाख रूपये जब्त कर लिए । यह 5 लाख रूपये प्रॉपर्टी बेचने वाले की इनकम मानी जाती हैं । टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में अब यह भी जानकारी देनी हैं कि करदाता को कोई ऐसी रकम प्राप्त हुई हो जो धारा 56(2)(ix) के तहत करयोग्य हो ।

Clause No.29B :- गिफ्ट में प्राप्त रकम की जानकारी :- इनकम टैक्स एक्ट की धारा 56(2)(ix) के तहत रिश्तेदार के अलावा अन्य किसी से प्राप्त 50 हज़ार रूपये से अधिक की गिफ्ट प्राप्त होती हैं तो वह करयोग्य होती हैं। टैक्स ऑडिट के नए प्रफोर्मे में यह जानकारी भी देनी हैं की व्यापारी को वर्ष के दौरान रिश्तेदार से भिन्न किसी व्यक्ति से 50 हज़ार रूपये के अधिक की गिफ्ट प्राप्त हुई हो ।

Clause No.34 :- TDS व TCS रिटर्न की जानकारी :- जिस व्यापारी की टैक्स ऑडिट की जा रही हैं यदि वह व्यापारी TDS/TCS के  दायरे में आता हैं तो अब टैक्स ऑडिट में यह विवरण देना होगा की उसके द्वारा प्रत्येक तिमाही का फार्म न. 24Q एवं 26Q कोनसी डेट को जमा करवाया गया हैं तथा यह फार्म जमा करवाने की ड्यू डेट क्या थी । इसके साथ साथ ऑडिटर को यह भी वैरिफाई करना होगा की व्यापारी द्वारा अपने TDS व TCS रिटर्न में वह समस्त जानकारी वर्णित कर दी जो की कानून के अनुसार वर्णित करनी अनिर्वाय हैं । व्यवहार में यह देखा जाता हैं कि कई बार TDS रिटर्न में निम्न सूचनाएं फीड  करने से रह जाती है :-
(अ) फार्म 15G/15H के आधार पर बिना TDS काटे जो भुगतान किया गया हैं उसका विवरण ।
(ब) ट्रांसपोर्टर को पैन कार्ड व डिक्लेरेशन लेकर बिना TDS काटे जो भुगतान किया गया हैं उसका विवरण ।
व्यापारी व पेशे वर्ग को यह प्रयास करना चाहिए की TDS रिटर्न में जो भी सुचना मांगी गई हैं वह समस्त सुचना उसमे फीड करे । नये 3CD फार्म में TDS/TCS रिटर्न के सम्बन्ध में निम्न शब्दो का प्रयोग किया गया हैं :-
"whether the statement of tax deducted or collected contains information about all details/transections which are required to be reported.if not,please furnish list of details/ transections which are not reported."

Clause No.36A:- 2(22)(e) Deemed Dividend :- कंपनी के केस में यदि कंपनी अपने शेयर  होल्डर को कोई  रकम एडवांस कर देती हैं  तो वह कुछ शर्तों के पूरा होने पर  डीम्ड डिविडेंड माना जाता हैं । डीम्ड डिविडेंड का विषय काफी डिबेटेबल विषय हैं । फार्म 3CD में ऑडिटर के ऊपर यह जिम्मेदारी डाल दी गई हैं  कि वह उस बिंदु को जाँच करे की वह जिसकी ऑडिट कर रहा हैं  उसे कोई डीम्ड डिविडेंड प्राप्त हुआ हैं तो उसकी डिटेल फार्म 3CD में मेंशन करनी होगी ।

Comments

Popular posts from this blog

इनकम में से मिलने वाली डिडक्शन्स संबंधी परिवर्तन

GST, reverse charge , न्यू रिटर्न फाइलिंग सिस्टम, थ्रेसहोल्ड लिमिट फ़ॉर कम्पोजीशन स्कीम एंड GST लेटेस्ट अपडेट्स