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                                       जीएसटी से संबंधित सभी शिकायतों का समाधान:-   जीएसटी पोर्टल पर बढ़ती कंप्लेंट को देखते हुए सरकार ने अब एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनाया है, जो जीएसटी पोर्टल पर हेल्पडेस्क की जगह की जगह लेगा। जीएसटीएन ने एक कंप्लेंट सेल बनाई है, जहां पर जीएसटी से संबंधित सभी शिकायतों को दूर किया जाएगा। नए सिस्टम के बाद कारोबारियों की प्रॉब्लम का सॉल्यूशन कम समय में किया जाएगा।   बढ़ रहीं थी जीएसटी पोर्टल पर शिकायतें जीएसटी पोर्टल के अधिकारी ने बताया कि वेबसाइट पर शिकायत करने के तरीके को बेहतर किया गया है। अभी तक हेल्पडेस्क के लिए ई-मेल आईडी बनाया हुआ था जिस पर सारी शिकायतें आ रही थी। शिकायतों का फ्लो बढ़ने के कारण जीएसटी पोर्टल पर ही कंप्लेंट सिस्टम को बेहतर किया गया है। अभी कारोबारी और ट्रेडर्स सीधे जीएसटी पोर्टल की वेबसाइट पर शिकायत कर सकते हैं।    पहले बना था हेल्पडेस्क अभी तक किसी भी समस्या के लिए हेल्पडेस्क बना हुआ था जहां ट्रेडर्स और कारोबारी शिकायत कर सकते थे। पर ई-मेल करने का ऑप्शन था लेकिन अब ई-मेल बंद कर दिया गया है। इसके बदले नया शिकायत सिस्टम शुरू

GST संबंधी जानकारी :- GST रिटर्न, रजिस्ट्रेशन, कम्पोजीशन डीलर, रिवर्स चार्ज

GST संबंधी ताज़ा जानकारी :-  GST रिटर्न, रजिस्ट्रेशन, कम्पोजीशन डीलर, रिवर्स चार्ज





(1) GST तिमाही रिटर्न :- GST में रजिस्टर्ड डीलर को जिनकी सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपये तक हैं उन्हें मासिक की बजाय तिमाही रिटर्न भरने की सुविधा दी जायेगी। इस प्रकार के डीलर्स को अपना टैक्स मासिक रूप से ही जमा करवाना होगा । GSTR-1, GSTR-2 व GSTR-3 को मिलाकर एक आसान फॉर्म बनाने पर सहमति हो गई हैं। ऐसी आशा की जा रही हैं कि यह नया फॉर्म जनवरी 2019 से  लागु कर दिया जायेगा। मीटिंग में इस विषय पर भी चर्चा हुई की रिटर्न में यदि कोई गलती रह गई हैं तो उसमें 1 गलती को सुधारने  का मौका GST में  दिया जाये। जिनकी किसी भी रिटर्न पीरियड में  Purchase - Sale नहीं हैं यानि की जिनकी  nill रिटर्न हैं  ऐसी रिटर्न SMS के जरिये File करने की सुविधा देने का निर्णय भी लिया गया हैं।

(2) कम्पोजीशन डीलर :- कम्पोजीशन स्कीम के व्यवसायों को वर्ष में कुल पांच रिटर्न फाइल करने होंगे जिसमें से चार रिटर्न त्रेमासिक और एक रिटर्न वार्षिक होगा  वर्तमान नियमो के तहत कम्पोजीशन डीलर सिर्फ माल की खरीद -बिक्री ही कर सकते हैं।पूर्व में यह घोषणा की गई थी की कम्पोजीशन डीलर अपनी टर्नओवर का 10 प्रतिशत या 5 लाख दोनों में से जो भी अधिक हो उस सीमा तक सर्विस सेक्टर में भी कार्य कर सकते  हैं । इस संबंध में जल्द ही नोटिफिकेशन जारी करने की घोषणा की गई हैं।
पूर्व में GST कॉउंसिल की मीटिंग में यह घोषणा की गई थी की कम्पोजीशन स्कीम में टर्नओवर 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ की जायेगी लेकिन इस घोषणा को 8- 9 माह बीत जाने के बाद भी  इसके बारे में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। इस मीटिंग में यह तय किया गया कि इस संबंध में जल्द ही नियमो में परिवर्तन किया जायेगा। और जब टर्नओवर बढ़ाये जाने की घोषणा की थी तब कई व्यापारियों की बिक्री में बढ़ोतरी हुई थी और वे कम्पोजीशन फीस भी जमा करवाने लगे लेकिन जब इस संबंध में कोई नोटिफिकेशन जारी नही किया गया तो कई  व्यपारियो के लिए उलझन सी उत्पन हो गई । और कम्पोजीशन स्कीम में टैक्स रेट अलग अलग व्यपारियो के लिए अलग हैं जैसे  - ट्रेडर को 1%, निर्माता को 1% और रेस्टोरेंट के मालिक को 5% की फिक्स् रेट से GST का भुगतान करना पड़ेगा ।
(१)निर्माण क्षेत्र में कम्पोजीशन स्कीम, तम्बाकू और आइसक्रीम निर्माताओं के लिए उपलब्ध नहीं हैं|
(२)सेवा क्षेत्र में कम्पोजीशन स्कीम केवल रेस्टोरेंट व्यवसाय के लिए ही उपलब्ध हैं|

(3) GST रजिस्ट्रेशन:-
नार्थ ईस्ट स्टेट के लिए GST रजिस्ट्रेशन हेतु टर्नओवर सीमा वर्तमान में  10 लाख रूपये निर्धारित हैं। इसे भविष्य में 20 लाख रूपये करने का प्रस्ताव पारित किया गया हैं। एक राज्य में एक करदाता को एक से अधिक रजिस्ट्रेशन (Multipal Registration) देने की सुविधा प्रारंभ करने की घोषणा की गई हैं। जिन डीलर्स ने GST में प्रोविजनल आई डी को अभी फाइनल  रजिस्ट्रेशन में नही बदला उन्हें 31 अगस्त 2018 तक एक और अवसर दिया जा रहा हैं तथा उनके सम्बन्ध में लेट फीस भी माफ़ करने का निर्णय लिया गया हैं। रजिस्ट्रेशन के संबंध में  GST में  एडवांस  रूलिंग अथॉरिटी द्वारा जॉइंट प्लांट कमिटी वेस्ट बंगाल की एप्लीकेशन पर क्रमशः दिनांक 06.04.201821.03.18 को यह फैसला दिया की GST कानून में ऐसा डीलर payable करमुक्त वस्तुओं का कारोबार कर रहा हैं (Engeged exclusively इन Supplying goods and service that were wholly exempt क्रोम tax) उसके लिए GST कानून में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नही हैं। एडवांस अथॉरिटी में यह फैसला दिया गया है कि  ऐसा डीलर ऐसी कोई खरीद या सेवा  ले रहा हैं जिसका ऊपर धारा 9(3) के तहत रिवर्स चार्ज लागु हैं उसे रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इस फैसले में लिखा गया हैं कि " it was held that section 24 is not subject to the provision of section 23 of the GST act.if  a person, is not liable to be registered for making exclusively exempt supplyies but is liable to pay tax under RCM under section 9(3) of the GST act.he shall be required to get himself registred under the GST act.irrespective of the quantum of the aggregate turnover.)



(4) रिवर्स चार्ज सिस्टम :-
GST में रिवर्स चार्ज सिस्टम को पिछले वर्ष अक्टूबर में एक बार पोस्टपोंन कर दिया गया था।अब इसकी अवधि बढाकर 30 सितम्बर कर दी गई हैं,यानि रिवर्स चार्ज सिस्टम अभी पोस्टपोन रहेगा। जो रिवर्स चार्ज धारा 9(4) में कवर होता हैं केवल वही रिवर्स चार्ज पोस्टपोन किया गया हैं।अगर रजिस्टर्ड कारोबारी किसी ऐसे दुकानदार या व्यक्ति से सामान खरीदता है, जो कि GST में  रजिस्टर्ड नहीं है तो खरीदने वाले कारोबारी पर ही रिवर्स चार्ज लगेगा। हालांकि, यह उस रिवर्स  टैक्स को विक्रेता को चुकाई जाने वाली रकम से काटकर रख लेता है। बाद में, खरीदने वाले  व्यापारी को ही सरकार के पास  इस रिवर्स जीएसटी को जमा भी करना पड़ता है। और अगर अगर GST में UNREGISTERED व्यापारी से सामान और सेवाओं की खरीदारी 5000 रुपए प्रतिदिन सेे ज्यादा नहीं है तो फिर ऐसे व्यापारी को रिवर्स चार्ज का भुगतान  करने की जरूरत नहीं है।

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