GOODS AND SERVICE TAX COUNSIL INFORMATION

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                                       जीएसटी से संबंधित सभी शिकायतों का समाधान:-   जीएसटी पोर्टल पर बढ़ती कंप्लेंट को देखते हुए सरकार ने अब एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनाया है, जो जीएसटी पोर्टल पर हेल्पडेस्क की जगह की जगह लेगा। जीएसटीएन ने एक कंप्लेंट सेल बनाई है, जहां पर जीएसटी से संबंधित सभी शिकायतों को दूर किया जाएगा। नए सिस्टम के बाद कारोबारियों की प्रॉब्लम का सॉल्यूशन कम समय में किया जाएगा।   बढ़ रहीं थी जीएसटी पोर्टल पर शिकायतें जीएसटी पोर्टल के अधिकारी ने बताया कि वेबसाइट पर शिकायत करने के तरीके को बेहतर किया गया है। अभी तक हेल्पडेस्क के लिए ई-मेल आईडी बनाया हुआ था जिस पर सारी शिकायतें आ रही थी। शिकायतों का फ्लो बढ़ने के कारण जीएसटी पोर्टल पर ही कंप्लेंट सिस्टम को बेहतर किया गया है। अभी कारोबारी और ट्रेडर्स सीधे जीएसटी पोर्टल की वेबसाइट पर शिकायत कर सकते हैं।    पहले बना था हेल्पडेस्क अभी तक किसी भी समस्या के लिए हेल्पडेस्क बना हुआ था जहां ट्रेडर्स और कारोबारी शिकायत कर सकते थे। पर ई-मेल करने का ऑप्शन था लेकिन अब ई-मेल बंद कर दिया गया है। इसके बदले नया शिकायत सिस्टम शुरू

Model Goods & Services Tax Accounting Treatments

GOODS &SERVICES TAX :-
नमस्कार दोस्तों जैसा की हमने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स में देखा बेसिकली लगभग सारी चीजे अपनी जगह पे आ चुकी ह हम लोगो ने अभी तक ये जाना ह की GST Hard हैं।लेकिन अगर समझ में आ जाये तो पता चलता ह की ये सबसे आसान हैं।अगर GST एकाउंट्स की  आत्मा हैं, प्राण हैं, जो समझलो वो है एकाउंटट्रीटमेंट ।आज हम डेबिट क्रेडिट Financial एकाउंटिंग की बात करेंगे। बहुत ही अच्छा टॉपिक हैं चाहे कोई Accountant हो चाहे कोई प्रैक्टिसनर  कोई bussiness man हो तो आज का ये लेक्चर पूरा सप्पोर्ट करेगा। How to maintain books of Accounts with refference to goods and services.तो आइये जानते है किस तरह से बुक्स रखनी पड़ेगी हमे आज वो देखना हैं। हम ITC (INPUT TAX CREDIT) तो चले एक विशेषता जानते हैं हमे अछि तरह मालूम ह की जो हमारे ऊपर टेक्सस लगते ह न वो तीन तरह के लगते है ।अगर हम intra state trade करते ह इसका मतलब एक state के अंदर trade करते हैं तो हमारे ऊपर SGST और CGST लगता हैं ।और अगर हम INTERSTATE TRADE करते ह तो IGST लगेगा ।अब trade का mtlb व्यापार होता हैं । तो  यहा पर IGST लगेगा और ADDITIONAL टैक्स लगेगा।अब तक हम लोग VAT मे देखते थे INPUT TAX आता था INPUT TAX CREDIT  लेते थे।ठीक उसी प्रकार GST भी काम करता हैं ।हमने तीन तरह के TAX देखे SGST, CGST और IGST। CGST का INPUT हम CGST के OUTPUT TAX  में SETOFF कर सकते हैं अगर कोई सामान खरीदते समय SGST का पेमेंट किया था अब अपने सामान बेचा तो आप को SGST का पेमेंट करना हैं तो आपने जो SGST दिया था उसमें ADJUST करा सकते हैं।तो SGST की FIRST PRIORITY SGST हैं। तो CGST की सबसे पहली PRIORITY CGST हैं। SGST की बात करे तो IN THE SAME WAY ।NOW AFTER THAT IGST। SGST से IGST का भी पेमेंट हो सकता हैं।FIRST PRIORITY IGST TO IGST। अगर उसके बाद बचा तो SGST. IGST का SHARING SGST और CGST के बीच मे होता है तो मिलेगी।यानी CGST का SGST में USE मत करना।SGST का BENIFIT नही मिलता।  SGST और CGST के आगे INPUT और OUTPUT MENTOIN मत कीजिये और वही LEDGER  SALE, PURCHASES में USE कीजिये। तो अब मेरे पास यदि मेने 100000 का सामान हरियाणा से  सामान ख़रीदा तो vendar कहेगा 118000 दे दो तो ये 18000 का GST हैं मुझे इसका CREDIT मिल जाता हैं।तो मेने लिखा GST RECEVABLE।आप इसके जगह पर कुछ और नाम का इस्तेमाल कर सकते हैं आप ITC का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। ये दो लगाने पड़ते हैं पहला SGST दूसरा CGST। जब ये हरियाणा TO हरियाणा  लगेगा तो 2 TAXES आ जाएंगे एक तो CGST और SGST ये दो आ जायेंगे। और अगर ये 18% हैं तो इसका आधा आधा होगा 9% CGST यर 9% SGST होगा। अगर मान लीजिये हम पंजाब से 100000 की PURCHASES करते तो एंट्री क्या होती। इसमें IGST INPUT एक ही लगता पूरा 18000 इसमें आधा आधा करने की  जरुरत नही हैं। क्योकि ये INTER STATE PURCHASE है

और अगर एक ही STATE से PURCHASE करते तो IGST की जगह पर CGST ओर SGST INPUT आता। इतना तो अब आप जान ही गये होंगे की किस तरह हम SGST, CGST, IGST INPUT का USE करते हैैं।

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