GOODS AND SERVICE TAX COUNSIL INFORMATION

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                                       जीएसटी से संबंधित सभी शिकायतों का समाधान:-   जीएसटी पोर्टल पर बढ़ती कंप्लेंट को देखते हुए सरकार ने अब एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनाया है, जो जीएसटी पोर्टल पर हेल्पडेस्क की जगह की जगह लेगा। जीएसटीएन ने एक कंप्लेंट सेल बनाई है, जहां पर जीएसटी से संबंधित सभी शिकायतों को दूर किया जाएगा। नए सिस्टम के बाद कारोबारियों की प्रॉब्लम का सॉल्यूशन कम समय में किया जाएगा।   बढ़ रहीं थी जीएसटी पोर्टल पर शिकायतें जीएसटी पोर्टल के अधिकारी ने बताया कि वेबसाइट पर शिकायत करने के तरीके को बेहतर किया गया है। अभी तक हेल्पडेस्क के लिए ई-मेल आईडी बनाया हुआ था जिस पर सारी शिकायतें आ रही थी। शिकायतों का फ्लो बढ़ने के कारण जीएसटी पोर्टल पर ही कंप्लेंट सिस्टम को बेहतर किया गया है। अभी कारोबारी और ट्रेडर्स सीधे जीएसटी पोर्टल की वेबसाइट पर शिकायत कर सकते हैं।    पहले बना था हेल्पडेस्क अभी तक किसी भी समस्या के लिए हेल्पडेस्क बना हुआ था जहां ट्रेडर्स और कारोबारी शिकायत कर सकते थे। पर ई-मेल करने का ऑप्शन था लेकिन अब ई-मेल बंद कर दिया गया है। इसके बदले नया शिकायत सिस्टम शुरू

Salary पर Income Tax सम्बन्धी नियमो में किये गए परिवर्तन

                 


Salary पर Income Tax सम्बन्धी नियमो में किये गए परिवर्तन :-
(A) Standard Deduction (Section
 16):-
माननीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में  बताया कि भारत में कुल मिलाकर Individual Category में जितनी Income Tax Returns पिछले वर्ष में file हुई उसमे से अगर Salary Income की Returns एवं bussiness Income की Returns को अलग अलग कर लिया जाये तथा औसत Tax निकाला गया तो यह तथ्य सामने आया की कर्मचारी वर्ग का औसत Tax Individual व्यापारी (Propritership) से अधिक हैं। यानि कर्मचारी वर्ग अधिक Income Tax pay कर रहा हैं। वित्त मंत्री जी द्वारा बताया गया कि पिछले वर्ष 1.89 करोड़ कर्मचारियों द्वारा सैलरी Income की Return File की गई।इन 1.89 करोड़  Returns में औसत Tax 76306रूपये प्रति कर्मचारी प्राप्त हुआ। दूसरी तरफ पिछले वर्ष Individual category में 1.88 करोड़ Returns व्यापार एवं पेशे (Business &Profession) की Income करने वाले करदाताओं की File हुई। और इन रिटर्न्स में प्रति व्यक्ति औसत टैक्स 25753 रूपये प्राप्त हुआ। इस प्रकार कर्मचारी वर्ग औसत रूप से व्यापारी वर्ग(Individual category) से अधिक इनकम टैक्स pay कर रहा हैं। ऐसे में कर्मचारी वर्ग को रहत देते हुए Income Tax Act की धारा 1 6 के तहत अगले वर्ष से ( A. Y. 2019-20) से 40 हज़ार रुपये की वैधानिक कटौती (Standard Deduction) की व्यवस्था शुरू की गई हैं। यह छूट salary head के तहत Income अर्जित करने वाले करदाताओं को प्राप्त होगी। यह छूट सीधे-सीधे मिलेगी इसके लिए किसी खर्चे का proof की आवश्यक्ता  नहीं रहेगी।इस छूट से Income Tax में निम्न राशि की बचत हो पायेगी:-
(अ) ऐसे कर्मचारी जिनकी कुल Income 5 लाख रूपये से कम है उन्हें इस 40 हज़ार रुपये पर 5.20% की Rate से 2080 रूपये की Tax में बचत होगी।
(ब) ऐसे कर्मचारी जिनकी कुल Income 5 लाख रूपये से अधिक हैं लेकिन 10 लाख रूपये से कम हैं उन्हें इस 40 हज़ार रुपये पर 20.80%की Rate से 8320 रूपये की Tax में बचत होगी।
(स) ऐसे कर्मचारी जिनकी कुल Income 10 लाख रूपये से अधिक हैं उन्हें इस 40 हज़ार रुपये पर 31.20%की Rate से 12480 रूपये की Tax में बचत होगी।

(B) Transport Allownce की छूट समाप्त :-
वर्तमान में कर्मचारी को अपने Employer से घर से ऑफिस व ऑफिस से घर जाने के लिए ट्रांसपोर्ट एलाउंस /कन्वेंस एलाउंस मिलता हैं। इनकम Tax नियमो के तहत यह एलाउंस 1600 रूपये प्रतिमाह तक इनकम टैक्स में माफ़ हैं।इस छूट को अगले वर्ष तक समाप्त किया गया हैं इससे प्राइवेट Sector में कार्य करने वाले कर्मचारी वर्ग जिन्हें इस प्रकार का एलाउंस मिलता हैं उन्हें प्रतिवर्ष (1600×12) 19200 रूपये की इनकम पर Tax देना पड जायेगा। Disable Person के लिए यह छूट जारी रखी गई हैं।

(C) Medical Bills का पुनर्भरण (Reimbursement):-
वर्तमान इनकम  Tax नियमो के तहत यदि कर्मचारी को अपने Employer से दवाइयों पर हुए खर्चे बाबत पुरे वर्ष में 15 हज़ार रुपये तक प्राप्त होते हैं तो उस पर इनकम Tax नही लगता,इसे इनकम Tax की भाषा में Reimbursement of Medical Expenses कहा जाता हैं। इस छूट को अगले वर्ष से समाप्त किया गया हैं।इस प्रकार जो कर्मचारी इस छूट का लाभ लेते थे उन्हें 15 हज़ार रु की इनकम पर अगले वर्ष से इनकम Tax देना पड़ जाएगा।
(D) Net Effect :-
यदि salary के सम्बन्ध में किये गए उक्त तीनों परिवर्तन का एक साथ अध्यन करे तो एक तरफ 40 हज़ार रु की सालाना छूट दी गई हैं दूसरी तरफ 19200 व 15000 रु की छूट वापिस ले ली गई हैं। इस प्रकार तीनो परिवर्तनों का नेट Effect केवल 5800रु ( 40000-19200-15000) ही रह जाता हैं। यह 5800 रु भी इनकम की रकम हैं। इस पर टैक्स कैलकुलेट करेंगे तो वह नाम मात्र का बनेगा। ऐसे में तीनों परिवर्तनों का एक साथ अध्यन करने पर ऐसे कर्मचारी जो उक्त तीनों Category में आते हैं उन्हें केवल अगले वर्ष में 5800 रु की इनकम पर Tax नहीं लगेगा। इस प्रकार इसे कोई बड़ी रहत नही कहा जा सकता।

(E)  NPS से प्राप्त रकम [धारा 10(12A)]:-
आजकल सरकारी नोकरी में जो कर्मचारी कार्यरत हैं उनके द्वारा व उनके Employer द्वारा प्रतिमाह एनपीएस में कॉन्ट्रिब्यूशन किया जाता हैं। एनपीएस अकाउंट जब बंद होगा या कर्मचारी एनपीएस से बाहर आएगा तो उसे जो रकम प्राप्त होगी उसमे से 40% रकम पर इनकम Tax नहीं लगेगा। इस बजट में इस छूट का लाभ कर्मचारी के अलावा अन्य व्यक्तियों को भी दिया गया हैं वर्तमान में कर्मचारी के अलावा आम करदाता भी एनपीएस में प्रतिवर्ष 50 हज़ार रु जमा करवा कर इनकम Tax में अतिरिक्त छूट प्राप्त कर सकता हैं ऐसे में भविष्य में जब आम करदाता की एनपीएस खाते की अवधि पूरी होगी तो उसे जितनी रकम मिलेगी उसमे से 40% रकम पर इनकम Tax नही लगेगा।।।। इस लेख में मैने salary पर income Tax के नियमो के परिवर्तन अच्छी तरह समझाने की कोशिश की हैं अगर आपको ये लेख अच्छा लगा तो comment करके जरूर बताये और इसे आगे भी share करे ताकि सभी ये जान सके।

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